भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन(20वीं सदी )BEST FOR ALL EXAMS

भारत में क्रांतिकारी आंदोलन
अभिनव भारत:-

स्थापना- 1904

स्थान- नासिक महाराष्ट्र

संस्थापक- वी डी सावरकर

वी डी सावरकर पूना के फरगुशन कॉलेज के छात्र थे,भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन के परिपेक्ष में  इनके द्वारा 1904 में मित्र मेला का गठन किया गया| जो बाद में एक गुप्त संस्था अभिनव भारत में परिवर्तित हो गई| जो मैजिनी की तरुण इटली से प्रेरित थी| इसकी शाखाएं महाराष्ट्र के अलावा मध्यप्रदेश, कर्नाटक में स्थापित की गई| जिनमे भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन से  युवाओं द्वारा इंडिया हाउस को अंग्रेज विरोधी तथा भारत का समर्थन हेतु प्रचार प्रसार का केंद्र बना लिया|

सावरकर कृष्ण वर्मा की फेलोशिप का सहारा लेकर जून 1906 में लंदन चले गए, लेकिन यह संस्था चलती रही| इस संस्था ने अपने एक सदस्य पांडुरंग महादेव बापट को बम बनाना सीखने के लिए पेरिस भेजा| मई 1908 में इसके द्वारा इंडिया हाउस में 1857 की क्रांति की स्वर्ण जयंती मनाने का निश्चय किया| जिसे सावरकर द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी गई| सावरकर द्वारा लिखित पुस्तक the India was of independence के कारण 9 जून 1999 को आजीवन निर्वासन का दंड दिया गया|

भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन

 

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ:-

स्थापना:- 27 सितंबर 1925

मुख्यालय:- नागपुर महाराष्ट्र

संस्थापक:- डॉ केशव राव बलिराम हेडगेवार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सनातन संस्कृति को बनाए रखना एवं देश से जाति-पांति  से परे सभी को एकता के सूत्र में बांधना, जिससे देश खुशहाल एवं समृद्धि की ओर अग्रसर रहें हिंदुत्ववादी विचारधारा से ओतप्रोत यह संगठन दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है| इसकी शाखाएं भारत के अलावा विश्व के अन्य देशों में भी संचालित हैं|

भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन

युगांतर पार्टी

स्थापना:- 1906

स्थान:- बंगाल

संस्थापक:- जतिंद्रनाथ मुखर्जी(1879 से 1915)

यह एक विद्रोही गुप्त संगठन था| इसका जन्म अनुशीलन समिति में उत्पन्न मतभेदों के कारण हुआ इसके प्रमुख नेता अरविंद घोष, बारिन घोष, उल्लासकर दत्त थे| जतिंद्रनाथ मुखर्जी को बाघा जतिन भी कहा जाता था|

भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन

काकोरी कांड (9 अगस्त 1925)

हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन से संबंधित यूपी के क्रांतिकारियों ने सहारनपुर लखनऊ लाइन पर काकोरी जाने वाली 8 डाउन मालगाड़ी को सफलतापूर्वक लूटा| इस कांड में 29 लोगों पर मुकदमा चलाया गया, जिसमें 17 लोगों को लंबी सजा 4 को आजीवन कारावास तथा 4 को फांसी की सजा दी गई| फांसी की सजा पाने वाले क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल (गोरखपुर में ) अशफाक उल्ला खां (फैजाबाद में ) रोशन लाल (नैनी इलाहाबाद में ) राजेंद्र लाहिरी (गोंडा में), रामप्रसाद बिस्मिल यह कहते हुए कि “मैं अंग्रेजी राज्य के पतन की इच्छा करता हूं|” खुशी से फांसी पर लटक गए|

फांसी के 2 दिन पहले बिस्मिल ने कहा “अब मैं केवल अपनी मां का दूध लूंगा” वहां एक महान शायर भी थे “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है|’ राम प्रसाद बिस्मिल की पंक्तियां हैं| काकोरी कांड के एक मुख्य क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद फरार हो गए, तथा कभी पुलिस नहीं पकड़ सकी 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में पुलिस मुठभेड़ के दौरान स्वयं को गोली मारकर शहीद हो गए|

भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन

 

भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन

अनुशीलन समिति

स्थापना:- 1960

स्थान:- कोलकाता

संस्थापक:- वरिंदर कौर एवं भूपेंद्र दत्त

प्रमुख उद्देश्य:- खून के बदले खून

1903 में भारत अनुशीलन समिति के नाम से इसका जन्म हुआ, तथा 1904 में इसका नाम बदलकर अनुशीलन समिति कर दिया गया| इसकी स्थापना में प्रमुख योगदान प्रमोद नाथ मित्र व सतीश चंद्र बोस का था|1906 में इसका पहला सम्मेलन सुबोध मलिक के घर पर हुआ बंगाल विभाजन के उपरांत विदेशी माल का बहिष्कार तथा स्वदेशी आंदोलन जोर पकड़ गया| इस समिति ने विभाजन रद्द करवाना तथा स्वराज प्राप्ति पर विशेष बल दिया| 11 दिसंबर 1908 को अनुशीलन समिति को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया|

किंग्सफोर्ड की हत्या का प्रयास

बिहार के मुजफ्फरपुर प्रेसीडेंसी दंड नायक के रूप में न्यायधीश किंग्स कोर्ट ने छोटे छोटे अपराधों के लिए युवकों को बड़ी-बड़ी सजाएं दी| इसी के बदले के रूप में 30 अप्रैल 1960 को खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी में बम फेंका, लेकिन गलती से बम कनेडी की गाड़ी पर गिरा जो भारत के राष्ट्रीय आंदोलन के प्रति हमदर्दी रखते थे| जिसमें उनकी पत्नी व पुत्री मारी गई प्रफुल्ल चाकी और बोस पकड़े गए| चाकी ने आत्महत्या कर ली तथा खुदीराम पर अभियोग चला तथा वह सबसे कम उम्र 15 वर्ष की अवस्था पर फांसी पाने वाले क्रांतिकारी (1908) में बने|

अलीपुर षड्यंत्र केस (1908)

सरकार ने अवैध हथियारों के रखने की तलाश के संबंध में मानिक टोला उद्यान तथा कलकत्ता में तलाशिया ली जिसमें 34 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया| इन पर जो मुकदमा चलाया गया उसे अलीपुर षड्यंत्र केस के नाम से जाना जाता है| इससे संबंधित सरकारी गवाह नरेंद्र गोसाई की हत्या सत्येंद्र नाथ बोस ने अलीपुर जेल में कर दी| फरवरी 1999 में सरकारी वकील व 24 फरवरी 1910 को उप पुलिस अधीक्षक की कलकत्ता उच्च न्यायालय के बाहर हत्या कर दी गई|वरिंद्र गुट के लगभग सभी सदस्यों को आजीवन काला पानी की सजा दी गई|

लाहौर षड्यंत्र केस (1915) ईस्वी

पंजाब में एक बड़े आंदोलन करने की योजना बनाई गई| 21 फरवरी 1915 को पूरे उत्तरी भारत में क्रांति की शुरुआत की जाए इसकी जानकारी सरकार को मिल गई तथा अनेक नेताओं को गिरफ्तार किया गया| जिसमें पृथ्वी सिंह परमानंद करतार सिंह विनायक जगत सिंह आदि थे| जो लाहौर षड्यंत्र केस के रूप में सजा दी गई|

गदर पार्टी

स्थापना:- 1 नवंबर 1913

स्थान:- सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका)

संस्थापक:- लाला हरदयाल

अध्यक्ष:- सोहन सिंह

लाला हरदयाल द्वारा 1 नवंबर 1913 को सैन फ्रांसिस्को अमेरिका में गदर पार्टी का गठन किया गया| तथा अध्यक्ष सोहन सिंह को बनाया गया इसके प्रमुख नेताओं में रामचंद्र बरकतउल्ला रासबिहारी बोस राजा महेंद्र प्रताप मैडम भीकाजी कामा तथा अब्दुल रहमान थे| गदर पार्टी द्वारा एक साप्ताहिक पत्रिका “ग़दर” का प्रकाशन किया गया| प्रथम विश्व युद्ध के समय से गैरकानूनी घोषित कर दिया गया|

चटगांव शस्त्रागार धावा/चटगांव आर्मरी रेड 

चटगांव शस्त्रागार धावा एक शिक्षक नेता सूर्यसेन जोकि मास्टर दा के नाम से प्रसिद्ध थे| इनके नेतृत्व में युवा क्रांतिकारियों को मिलाकर एक सैनिक संगठन बना लिया गया| जिसके द्वारा पूर्वी बंगाल के चटगांव नामक बंदरगाह पर विद्रोह करने का प्रयत्न किया गया| युवक और युवतियों को एक एक साथ चटगांव, मेमन सिंह, बारिशाल के शस्त्रागारो पर हमला करने की योजना बनाई|

18 अप्रैल 1930 को 65 युवक और युवती ने ब्रिटेन की भारतीय सेना की वर्दी पहनकर पुलिस शस्त्रागार पर हमला किया| इस घटना को चटगाव शस्त्रागार धावा  के नाम से जाना गया| जहां सूर्यसेन सफेद धोती व कोट पहनकर तिरंगा फहराया जिसके फलस्वरूप युवक युवतियों ने सलामी दी तथा उन्होंने क्रांतिकारी सरकार के गठन की घोषणा की इस घटना के आरोपियों पर मुकदमा चलाया गया है| जिससे कई क्रांतिकारियों को अंडमान में आजीवन कारावास की सजा मिली | 16 फरवरी 1933 को सूर्यसेन गिरफ्तार कर लिए गये ,इन्हें 12 जनवरी 1934को फांसी पर लटका दिया जाए|

1926 ईस्वी में पंजाब में गठित नौजवान सभा के प्रारंभिक/संस्थापक सदस्य भगत सिंह, छबीलदास और यशपाल थे।
साइमन कमीशन 20 अक्टूबर 1928 ईस्वी को जब लाहौर स्टेशन पर पहुंचा तो नौजवान सभा के सदस्यों ने इस कमीशन का बहिष्कार करने के लिए जुलूस का गठन किया जिसमें लाला लाजपत राय पर लाठियों की बौछार की गई कुछ दिनों बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई इसका बदला लेने के लिए भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और जयपाल ने स्कॉट को मारने का दृढ़ निश्चय किया मगर गलती से दिसंबर 1928 ईस्वी को सांडर्स और उनके रीडर चरण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

राल्फ फिच भारत आने वाला पहला इंग्लिश यात्री था जो 1583 ई. में आगरा पहुंचा।

विलियम हॉकिंस इंग्लैंड का यात्री जो अगस्त 1608 में सूरत पहुंचता और अप्रैल 1609 में मुगल शासक जहांगीर के दरबार आगरा पहुंचा।
सर थॉमस रो एक ब्रिटिश यात्री था जो सितंबर 1615 ई. में जहांगीर के दरबार में पहुंचा।
निकोलस डाउंटन 1615 ई. में भारत आया।

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